Bank Interview

Fundamentals of Banking – Part 01

Fundamentals of Banking – Part 01

(For IBPS PO, RRB PO, SBI PO, IDBI JAM, and other Banking Interviews)

 

यह लेख उन छात्रों के लिए उपयोगी है जो बैंक पीओ, जैसे कि IBPS, RRB, SBI, IDBI आदि के इंटरव्यू की तैयारी कर रहे हैं। बैंकिंग से संबंधित कॉन्सेप्ट पर इन इंटरव्यू में कई सवाल पूछे जाते हैं। इन सवालों का उद्देश्य यह जांचना होता है कि आपने इंटरव्यू की तैयारी कितनी गंभीरता से की है और चूंकि आप बैंकिंग क्षेत्र में काम करना चाहते हैं, इसलिए क्या आपके पास बैंकिंग से जुड़ी मूलभूत जानकारी है या नहीं। इसलिए, बैंकिंग टर्म्स की कॉन्सेप्ट को समझना ज़रूरी है, न कि केवल रट लेना।

BANK
बैंक एक वित्तीय संस्था हैं जो जनता से धनराशि जमा (deposit) करने तथा जनता को ऋण (loan) देने का काम करती है।

  • Financial Institution
  • Accepts Deposits
  • Lends Money (Loan/Credit)
RBI Reserve Bank of India
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India/RBI) भारत का केन्द्रीय बैंक है। यह भारत के सभी बैंकों का संचालन (Regulate) करता है। आरबीआई भारत की मौद्रिक नीति (Monetary Policy) को नियन्त्रित करता है।

भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के प्रावधानों के अनुसार 1 अप्रैल, 1935 को हुई।

“भारत में मौद्रिक स्थिरता (monetary stability) प्राप्त करने की दृष्टि से बैंक नोटों के निर्गम (issuance of bank notes) को regulate करना तथा reserve fund को बनाएं रखना और सामान्य रूप से देश के हित में currency और ऋण प्रणाली संचालित करना, अत्यधिक जटिल अर्थव्यवस्था की चुनौती से निपटने के लिए आधुनिक मौद्रिक नीति फ्रेमवर्क रखना, वृद्धि के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए price stability बनाए रखना (inflation control)।”

 प्रमुख कार्य :- मौद्रिक प्रधिकारी, वित्तीय प्रणाली का विनियामक और पर्यवेक्षक, विदेशी मुद्रा प्रबंधक, मुद्रा जारीकर्ता, विकासात्मक भूमिका, संबंधित कार्य

COMMERCIAL BANK
कमर्शियल बैंक / वाणिज्यिक बैंक / व्यावसायिक बैंक.. वह वित्तीय संस्था होती है जो लाभ कमाने के उद्देश्य से लोगों की जमाओं (Deposits) को स्वीकार करते है तथा लोगों को जब ऋण (Loan) की आवश्यकता होती है तो उन्हें उधार भी देते हैं।

  • Banking for Profit
COOPERATIVE BANK
को-ऑपरेटिव बैंक (सहकारी बैंक) वे बैंक हैं जिनका गठन एवं कार्यकलाप सहकारिता के आधार पर होता है और इनकी स्थापना “राज्य सहकारी समिति अधिनियम” के अनुसार की जाती है। इन बैंकों की स्थापना का मुख्य उद्देश्य कृषि एवं ग्रामीण क्षेत्र के लिए अधिक साख-सुविधाएं उपलब्ध कराना है। अतः ये संस्थाएं भी वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) में सहायक है।

  • इनका नियमन राज्य सरकार तथा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा आंशिक रूप से किया जाता है
  • इनका पंजीकरण “रजिस्ट्रार ऑफ को-ऑपरेटिव सोसाइटी” के पास किया जाता है
PRIVATE SECTOR BANK
प्राइवेट सेक्टर बैंक वह बैंक हैं जिसमें शेयर (बैंक की मालिकाना हिस्सेदारी) का ज्यादातर हिस्सा (51% से ज्यादा) निजी व्यक्तियों के पास रहता है। उधारण :- ICICI Bank, HDFC Bank
PUBLIC SECTOR BANK
पब्लिक सेक्टर बैंक वह बैंक हैं जिसमें शेयर (बैंक की मालिकाना हिस्सेदारी) का ज्यादातर हिस्सा (51% से ज्यादा) सरकार के पास रहता है। उधारण :- State Bank of India, Bank of India, Bank of Baroda
SCHEDULE BANK
Schedule Bank, वह बैंक हैं जिन्हें भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अधिनियम (RBI Act), 1934 की 2nd Schedule में शामिल किया गया है। रिजर्व बैंक इस लिस्ट में केवल उन बैंकों को ही शामिल करता है जो, उपर्युक्तअधिनियम की धारा 42(6) (क) के मानदंडों का पालन करते हों।

सभी व्यापारिक बैंक (भारतीय या विदेशी), राज्य सहकारी बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अनुसूचित बैंक के श्रेणी में आते हैं।

  • RBI Act – 1934
  • Second Schedule
NON-SCHEDULE BANK
वो बैंक जो आरबीआई अधिनियम (RBI Act) 1934 में शामिल नहीं किये गए हैं, उन्हें गैर-अनुसूचित (Non-Schedule Bank) बैंक कहते हैं।  ऐसे बैंक को सामान्य कार्य उद्देश्यों हेतु रिज़र्व बैंक से उधार लेने का अधिकार नहीं होता हैं।
PAYMENT BANK
Payment Bank एक विशेष प्रकार के बैंक हैं जिन्हें कुछ सीमित बैंकिंग ऑपरेशन की अनुमति है, जिसमें प्रमुख है कि ये बैंक ग्राहकों से जमा (Demand Deposit) ले सकते हैं किंतु लोन नहीं दे सकते। साथ ही यह भी निर्देश हैं कि इन बैंकों का परिचालन शुरुआत से ही पूर्णत: नेटवर्क व टेक्नालजी बेस्ड हो।

इन बैंको को प्रमुखतः Financial Inclusion को बढ़ावा देने हेतु गठन किया गया है। इस उद्देश्य की प्राप्ति हेतु ये निम्न प्रकार से सहायक होंगे –

  • लघु बचत खाते (savings account) उपलब्‍ध कराना
  • प्रवासी श्रमिक वर्ग, निम्‍न आय अर्जित करने वाले परिवारों, लघु कारोबारों, असंगठित क्षेत्र की अन्‍य संस्‍थाओं और अन्‍य उपयोगकर्ताओं को payment/ transfer सेवाएं प्रदान करना
SMALL FINANCE BANK
Small Finance Bank (SFB) एक विशेष प्रकार का बैंक होता है जिसे भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा उन क्षेत्रों और समुदायों को वित्तीय सेवाएँ देने के लिए स्थापित किया गया है जो परंपरागत बैंकिंग सेवाओं से वंचित रहते हैं। Small Finance Bank (SFB) को अपने कुल ऋण (Total Loan Portfolio) का कम से कम 75% हिस्सा  Priority Sector Lending – PSL के रूप में देना अनिवार्य होता है।

इन बैंकों का मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित ग्राहकों को किफायती बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करना है:

  1. छोटे व्यवसाय (Small Businesses)
  2. लघु एवं सीमांत किसान (Small & Marginal Farmers)
  3. सूक्ष्म एवं लघु उद्योग (Micro & Small Enterprises – MSEs)
  4. असंगठित क्षेत्र के श्रमिक (Unorganized Sector Workers)

मुख्य विशेषताएँ:

छोटे ऋण प्रदान करना: SFB मुख्य रूप से छोटे कारोबारियों, किसानों और निम्न आय वर्ग के लोगों को ऋण देता है।
✅ Small Finance Bank (SFB) को अपने कुल ऋण वितरण का कम से कम 50% हिस्सा ऐसे ऋणों के रूप में देना आवश्यक होता है, जिनकी राशि ₹25 लाख से कम हो।
बचत और चालू खाते: ये बैंक ग्राहकों को बचत और चालू खाता सेवाएँ प्रदान करते हैं।
माइक्रोफाइनेंस पर फोकस: कई SFB पहले माइक्रोफाइनेंस कंपनियाँ थीं जो बाद में बैंक में परिवर्तित हुईं।
RBI द्वारा विनियमित: इन्हें वाणिज्यिक बैंकों (Commercial Banks) की तरह ही भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
100 करोड़ रुपये की न्यूनतम पूंजी: SFB को आरंभ करने के लिए कम से कम ₹100 करोड़ की प्रारंभिक पूंजी आवश्यक होती है।

FOREIGN BANK
विदेशी बैंक (फोरेन बैंक) ऐसे बैंक होते हैं, जिनकी स्थापना / हेड क्वार्टर विदेश में होता है और मालिकाना हिस्सेदारी भी विदेशियों की होती है, लेकिन वो भारत में कमर्शियल बैंक के रूप में कार्य कर रहे होते हैं | उधारण :- Citi Bank, HSBC Bank
REGIONAL RURAL BANK
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB) छोटे और सीमांत किसानों, खेतिहर मजदूरों, कारीगरों और ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे उद्यमियों को ऋण और अन्य बैंकिंग एवं वित्तीय सुविधाएं उपलब्ध कराने का उद्देश्य से गठित किया गया था | RRB किसी भी अन्य कमर्शियल बैंकों के तरह जनता से जमा स्वीकार करना, ऋण प्रदान करना, प्रेषण (transfer/payment) सेवाएं आदि जैसे सभी कार्य करते हैं |

  • 1975 को प्रवर्तित अध्यादेश
  • क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम, 1976
  • Financial Inclusion
  • Priority Sector Lending
KYC – Know Your Customer
(Know Your Customer) बैंक और फाइनेंशियल इंस्‍टीट्यूशंस अपने ग्राहक की पहचान और उसके पते को सत्‍यापित करने के लिए KYC का प्रयोग करते हैं । इसमें वित्तीय संसथान अपने कस्टमर से सरकार द्वारा जारी कुछ प्रमाण पत्र की मांग कर ग्राहक की पहचान और पते की पुष्टि करता है |

  • बैंक KYC द्वारा अपने ग्राहक की वास्तविकता की पहचान कर पाता है
  • बैंक KYC से फ्रॉड पर रोक लगा पाता है
  • मुख्य मकसद मनी लौंडेरिंग (money laundering) को रोकना है
Scroll to Top